Sunday, March 28, 2010

जीवन की मार

जीवन की मार को समझने के लिए सबसे जरूरी है अपने जीवन को समझना .क्यों की आज कल भेष देखकर ही भीख मिलती है...
आपका जीवन जैसा होगा वैसी ही मार आपके खाते में आएगी जैसे की अगर एक आम लड़का जो किसी ट्रेन में चैन पुल्लिंग (जंजीर खीच कर गाड़ी खड़ा करना ) के जुर्म में पुलिस से पकड़ा जाता है और उस पर गंगस्टर लगा दिया जाता है...उसके बाद उसके जीवन पर जो मार पड़ती है वो केवल वो ही जान सकता है....उसका जीवन भी उस गाड़ी के जैसे एकदम खड़ा हो जाता है....ये थी आम आदमी की मार.....
अब बात करते है खास आदमी की मार.... का।
आप सबने एक नाम सुना होगा राहुल महाजन का....अगर नही सुना होगा तो अभी आगे पढ़ लीजिये बाद में किसी से इस नाम के बारे में चर्चा कर लीजियेगा ......
ये वो सक्श है जो की भारत के जाने माने राजनीतिज्ञ स्व .प्रमोद महाजन के सुपुत्र है....साथ ही साथ की ओवल दर्जे के चरसी bhi. सबसे बड़ी बात ये है की ये एक बार विवाह के बंधन में बध के उससे फिर अपने को आजाद कर के दुबरा हिन्दुस्तानी कन्या के साथ सात फेरे लिए ....वो भी पुरे हिंदुस्तान के वोट से....
ये है खास आदमी की मार ....जो सुखद साथ साथ रंगीन भी होती है...अब बात यह फसती है की क्या अगर वो आम लड़का अपनी शादी करना चाहे तो क्या वो संभव है...?क्या जीतनी लडकियों के आवेदन राहुल महाजन के लिए हुआ था उतना आवेदन उस आम लडके लिए होगा.....?नहीं...
ये है जीवन की असली मार ....
जो हम नही चाहते हुए भी सहने को मजबूर है.....या फिर केवल चर्चा करने में हमको मजा आता है....क्या ऐसी मार हम खास लोगो को padni चाहिए?
इस बात पर आप लोग चर्चा कर के हम को सूचित कर दीजियेगा ...
अब बात करते है ऐसी मार की जो सिस्टम के कारन हम आम लोगो को सहनी पड़ती है....उस मार का असर कुछ वर्ग विशेष पर कुछ ज्यादा पड़ता है...जैसे -कोई एक २० साल का लड़का अपनी प्रेमिका की याद २४ सो घंटे खोया रहता है तभी उसके मोबाइल में मेसेज आता है ।वो खुस होता है की प्रेमिका का का सन्देश आ गया लेकिन जब मेसेज में ये लिखा होता है की रेलवे का फाटक देख कर पार करे। तो उस लड़के के दिल par kya beetega ?
कहने का मतलब ये है की जब रेलवे अपना काम नही कर पा रहा है तो लोगो को लोगो पर ही chod दिया ।
अब वो din dur नही जब पुलिस station में लिखा होगा की jeb katro से sawdhan...

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