Friday, January 28, 2011

मित्र को धन्यवाद..

दोस्त तुमको मेरा जन्मदिन याद है ये जान कर बहुत ख़ुशी हुई....
तुमने अपना कीमती वक़्त का कुछ हिस्सा इस खत के माध्यम से हमको समर्पित किया इसके लिए धन्यवाद....
तुमने मुझे जीवन की महत्ता का अहसास कराया है....
और मै ये जनता हु की जब तक तुम जैसे दोस्त मेरे साथ रहोगे मै अपने मार्ग से नही भटक सकता ....
लेकिन मित्र ये सोच कर कभी कभी दुखी भी होता हु की मैंने किसी एक को ध्यान देने के चक्कर में ये भूल गया की तुम जैसे किनते लोग मुझे ध्यान देते है...
जिनको केवल मेरी खुशी,मेरी हसी से मतलब था....
तुम लोगो ने मेरा तब साथ दिया जब मेरा साथ उसने छोड़ दिया था जिसने हर वक़्त यही कसम खायी थी की वो मेरा साथ कभी नही छोड़ेगा...
लेकिन मै हर वक़्त उसी कसम तोड़ने वाले को लेकर दुखी रहता था जब की मुझे तुम जैसे लोगो पर खुश होना चाहिए था की तुम लोगो ने बिना किसी वादे के मेरे साथ बने रहे ....
मै यही सोचता हु की मेरा दिल तो किसी एक ने दुखाया पर मैंने अपने स्वार्थ में बह कर न जाने कितने लोगो का दिल दुखाया ......
पता नही उस वक़्त मेरे साथ गलत हुआ की सही ? लेकिन इतना जरुर पता है की किसी एक लोग के द्वारा धक्का देने के बाद इतने सारे लोग मुझे सम्हालने के लिए आगे आये....और वो तुम जैसे लोग मेरे सबसे प्रिय लोग बन गये हो....
जब भी मै उन पुरानी बातो को सोचता हु तो लगता है की जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है .......
तुमने मुझे हमेशा यही बताया है की कैसे दो सही रास्तो में से बेहतर चुनते है ? और कैसे दो गलत रास्तो में से मुनासिब ?
मै तुम्हारे द्वारा बताये गये सुझाव पर अमल करूंगा ......
इसी के साथ मै अपनी बात खत्म करता हु......
और मै इश्वर से यही कामना करता हु की तुम सदैव सफलता को प्राप्त करते रहो...

2 comments:

  1. बेहतर सुन्दर प्रस्तुति अच्छा लगा लेकिन और प्रयास करो

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  2. हमेशा की तरह सटीक...

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