Thursday, August 13, 2015

प्रधानमंत्री जी आपको पता है..?

आदरणीय
नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री (भारत सरकार )
आपको प्रधानमंत्री भारत सरकार कहें या सिर्फ प्रधानमंत्री भारत, क्योंकि सरकार में प्रधानमंत्री के अलावा भी कई मंत्री आते हैं जिनको कैबिनेट कहा जाता है लेकिन विपक्ष की हठधर्मीता और आपकी हर मामले पर चुप्पी ने बार बार जनता को यही संदेश दिया है कि आप अकेले ही प्रधानमंत्री भारत सरकार है बाकी किसी को किसी से कोई मतलब नहीं ।
मुद्दा किसी का भी हो सबको जवाब  आपका ही चाहिए । और आप जवाब दे नहीं दे रहे हैं क्याहो जाता जब आप जवाब दे देंते तो, जब बाप बेटे के सरकार के बाप की आप गतिरोध समाप्त करने की कोशिश में तारीफ कर सकतें हैं। और जब आपकी सरकार लैंडबिल पर आधा दर्जन संसोधन करके उसे यूपीए सरकार की तरह बना सकती हैं । तो आखिर आप इन मुद्दों पर जवाब क्यो नहीं देने आए ।
अगर आपकी सरकार ने सदन चलाने की पूरी कोशिश कि तो एक आखिरी कोशिश आप ने क्यों नहीं कि ये है मेरा जवाब अगर फिर भी कांग्रेस सदन नहीं चलते देती तो आप इस अगस्त में जितना चाहे उतना मार्च करते । कोई कुछ नहीं कहता कम से कम मै तो नहीं ही कहता ।
सर जी,
बताया जा रहा है कि इस बार सत्र नहीं चलने से करीब जनता के 270 करोड़ रूपए बर्बाद हो गए । क्या आपकी चुप्पी ,आपकी गैर मौजूदगी देश के आम लोगों के 270 करोड़ रूपए से भी कीमती थी । आखिर हम आपके उस गैस सब्सिडी छोड़ने वाले विज्ञापन पर किस तरह से अमल करें । हमें इन पांच सालों में यही डर लगा रहेगा कि आपके कहने पर हमने अपनी सब्सिडी छोड़ी और वो पैसे संसद के हंगामे की भेट चढ़ जाए।
आखिर आपकी चुप्पी को हम जैसे लोग  क्या समझे..? क्या वही समझे जब मनमोहन सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी,न जाने कितने सवालों के आबरू बचा रखी है ।
आप तो देश से लेकर प्रदेश और तो और परदेश में भी बोलने के लिए जाने जाते है ,यह भी मानना होगा कि आपके संबोधन में वो शक्ति है जो लोगों के प्रभावित करती है लोग आपको ध्यान से सुनते है ,आपके बोलने की कला के देख कर ही हमको कम्यूनिकेशन में फीडबैक के महत्व का पता चला कि कैसे आप अपने भाषण में लोगों से बीच बीच में पूछते रहे और लोग आपको जवाब भी देते है । लेकिन आखिर क्या वजह है कि हर जगह बोलने वाला वो व्यक्ति उस मंदिर में अब नहीं बोल रहा है जहां वो बोलते वक्त फफक पड़ा था । वो पल भी याद भी है जनता को जब आपने सदन की सीढियों पर अपना माथा रख दिया था । लेकिन जब देश आपको सदन में सुनना चाहता था तो आखिर आप क्यों नहीं बोलने आए ।
आप जब ट्वीट करके सुंदर पिचाई को बधाई दे सकतें है तो आप ट्वीट करके कांग्रेसियों को जवाब क्यों नहीं दे रहे थे  ।

आपको पता नहीं पता होगा कि नहीं होगा....यहां आपके उपर हर बयान पर लोग लतीफे बना रहे है, फेसबुक ,ट्वीटर और न जाने कहा कहां आपके बारे में क्या क्या बोला जा रहा है लेकिन पता आप चुप हैं । जाने क्यों ?
उम्मीद है कि आप भविष्य में चुप नहीं रहेंगे ,जैसे  आप बिहार में बोलते है जैसे आप उत्तर प्रदेश में बोलेंगे ठीक वैसे ही संसद में भी बोलेंगे।
देश को आपसे बहुत उम्मीदें हैं । देश दिल में पूर्णबहुमत की महत्ता बनाई रखिए...नहीं तो जनता पूर्ण बहुमत से डरने लगेगी ।

धन्यावद
आपका
मनीष यादव

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