Saturday, March 19, 2011

मेरे ढाई महीने बराबर लाडो के पांच साल

नमस्कार मित्रो....
इस बार मै किसी एक विषय पर नही लिख रहा हु मै बस ये सोच रहा था और इसको कलमबद्ध कर दिया ...
होली का त्यौहार है और मै भी इस वक़्त अपने घर पर हु मै इस बार अपने घर करीब ढाई महीने बाद अपने घर गया सो इस बार हमको कोई नई खबर नही प्राप्त हुई ...
हाला की मेरे एक दोस्त ने हमसे फेसबुक पर पूछा था की घर पर सब कैसे है तो मैंने उससे कहा की अभी तो ये बात मैंने किसी घर वाले से पूछा ही नही ...फिर अगले दिन मैंने अपने घर वाले से पूछा की आप लोग कैसे है ?कोई नया समाचार ? तो माता जी बोली की नही कोई ऐसा नही है की तुमको पता न हो ...
फिर मैंने उनके उत्तर को याद कर लिया और उसके बाद जब मेरे वो दोस्त हमको ऑनलाइन मिले तो मैंने उनके प्रश्न की घर पर सब कैसे है का जवाब उनको दे दिया....
उसके बाद मै टी वी देखने लगा ...मुझे टीवी पर के परिवारिक झगड़े बहुत पसंद है क्यों उसको देख कर हमको शांति मिलती है की लोग लाख कहें की घोर कलयुग आ गया है फिर भी हमको ऐसा कोई परिवार दिखाई नही देता जिसमे की हमको एकता कपूर के टीवी के जैसे खतरनाक परिवार दिखाई देते है ...
फिर भी हम सब जानते हुए भी उनके परिवार में दिलचस्पी ज्यादा दिखाते है अपने परिवार के बजाय...
लेकिन जब मै इस बार टीवी देखा तो कलर्स पर न आना इस देश मेरी लाडो आ रहा था ... और फिर मैंने जो भी देखा वो मुझे थोडा भी समझ नही आ रहा था क्यों की सब किरदार जो मैंने ढाई महीने पहले देखे थे उनमे से बहुत कम ही हमको दिखयी दे रहे जब इसके में मैंने अपनी बहन से पूछा की ये नये चेहरे कौन है ...?
तो उसने बोला की पुराने वाले सब चले गये शिया और राघव की मौत हो गयी है और अब कहानी को पांच साल बाद दिखया जा रहा है ...फिर मैंने देखा की अम्मा जी लडकी अम्बा को एक उसकी हम उम्र लडकी ही बुआ बोल रही थी ...तब मैंने सोचा की मेरे ढाई महीने में इन लोगो पांच साल बिता दिए और पांच साल भी कैसे जिस हिसाब से राघव की लडकी ने राघव की बहन जिसको अम्मा जी ने बहुत पहले ही निकल दिया था जिसका नाम अम्बा है को बुआ कह रही थी और उसकी उम्र भी करीब २० साल की होगी तो कहानी केवल पांच साल ही आगे कैसे जा सकती है ?
फिर मैंने जी टीवी लगाया और छोटी बहू देखने लगा तो पता चला की इसकी स्पीड तो लाडो से भी ज्यादा है इसकी कहानी तो अब अगले जन्म की शुरू हो गयी है ...
और फिर मैंने अपनी बहन से बन्दिनी के बारे में पूछा तो पता चला की वो खत्म हो गया है तो कुछ जा कर दिल को सुकून मिला ...
फिर जब इन सब की बात हो गयी तो मै उतरन के बारे कैसे न पता लगता तो उसके बारे वही हुआ जिसका डर था की तपस्या को इच्छा ने एक बार फिर माफ़ कर के उसको अपने घर बुला लिया है और इस होली पर प्रतिज्ञा की है उसके चेहरे पर से झूठ का नकाब उतार देगी...
जब मैंने ये सब देखा तो सोचा की मैंने अपने दोस्त को गलत बता दिया की घर पर कुछ नया नही हुआ है यहा तो जैसे जैसे महंगाई बढ़ रही है वैसे टीवी सीरियलों में माओ को उम्र घट रही है ..
मैंने जब जब एक माँ को देखा की वो जींस और टी शर्ट पहनी हुई है और उसमे भी उसके टी शर्ट में बाहों की कमी है फिर मैंने उसकी लडके को देखा और फिर उस लडके की प्रेमिका को देखा हमको लगा की प्रेमिका की उम्र शायद माँ की उम्र से ज्यादा है ...
हमको लग रहा है की आप मेरे इस लेख में क्न्फ्युस हो रहे है ...(ये सीरियल स्टार वन पर प्यार की एक अनोखी कहानी )अगर ऐसा है तो मै अपने मकसद में कामयाब हो गया की इन कहानियों को हम जब समझ नि पते तो देखते क्यों है..?
और सबसे बड़ी बात ये है की हम इन सीरियलों पर रोज कितना टाइम बर्बाद करते है और ये लोग जब मन करता है तब कहानी को आगे बढ़ा देते है या माँ को ही बदल देते है...
फिर हम लोग उसी दिलचस्पी से इनको देखते है ...

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