Sunday, March 27, 2011

आज कल के विज्ञापन , विज्ञापन कम और चरित्र प्रमाण पत्र ज्यादा लगते है

नमस्कार मित्रो ...
होली के बाद आप लोगो का मेरे ब्लॉग पर एक बार फिर से स्वागत है ...
मै इस होली में आपने घर गया था और जब मै घर जाता हु तो कोई काम नही होता मेरे पास तो केवल टी वी ही देख कर वक़्त बिताता हु ..
सो मैंने आपने पिछले पोस्ट में टी वी सीरियलों की बात की थी लेकिन जब इस बार मैने ये भी देखा की आज कल बाज़ार भी चाहे वो किसी विज्ञापन की बात हो या फिर फिल्मो की वो यूवाओ की नब्ज को महसूस कर लिया है और फिर इस मार्केट में एक व्यर्थ समझौता को स्थापित कर दिया है...
आप जरा ध्यान दीजिये तो पता चलेगा की किस तरह यूवाओ को समझ कर उनको ये बताया जा रहा है की ये बाजार केवल आपके लिए ही बनाया गया है ....
वैसे आप लोगो ने परफ्यूम के विज्ञापन जरुर देखा होगा की फला परफ्यूम लगाना ने लड़कियां लडको से फेविकोल जैसे चिपक जाएगी, ये टूथपेस्ट करने से लडकियाँ आपको बिल्डिंग के लिफ्ट में भी चुम्बन देगी, आपने एक अंडर वियर का विज्ञापन जरुर देखा होगा की जो लड़का उस अंडर वियर पहनता है उसको बहुत सारी लडकियाँ जंगल में उठा ले जाती है और फिर बाद में जब उस लडके को देखा जाता है तो उसके बदन पर बहुत सारे होठो के चिन्ह पाए जाते है...
हाला की ये विज्ञापन बहुत पुराने है लेकिन मैंने अभी कुछ दिन पहले होली वाले दिन एक मोबाइल का विज्ञापन देखा जिसमे ये दिखाया गया है की एक लड़का जिसके पास एक साधारण मोबाइल होता है फिर वो एक दुकान से कुछ खरीदता है और दुकानदार जो एक लडकी होती है ,के पास पास फुटकर पैसे नही होते है..तो वो दुकानदार लड़की उस साधारण मोबाइल वाले लड़के को फुटकर के बदले चोकलेट देती है..फिर उसी दुकान पर एक दूसरा लड़का आता है और उसके पास लावा का मोबाइल होता है और वो भी कुछ सामान खरीदता है और फिर बात फुटकर पर फस जाती है तो इस लावा मोबाइल वाले लडके को ये दुकानदार लड़की चोकलेट न देकर निरोध देती है...मतलब की लावा मोबाइल वाले लडके ही लडके समझे जाते है ...
फिर मै ये सोचने लगा की लडकियाँ आपसे आकर्षित होंगी ये बता कर विज्ञापन कंपनिया कितना ज्यादा व्यर्थ समझौता करती है ..लेकीन ऐसा कोई विज्ञापन नही आता जिसमे ये दिखाया गया हो की जिस तरह एक साथ बहुत सी लडकियाँ लडको से चिपक जा रही है उसी प्रकार ऐसा कोई सामान का विज्ञापन नही है जिससे की लडके भी उसी अनुपात में चिपक जाये ...
लेकिन फिर हमको लगा की विज्ञापन कंपनिया लडको के चरित्र को समझ कर विज्ञापन बनती है...
तभी तो लडकियों के चरित्र का भी चित्रण एक मोबाइल के विज्ञापन में ही किया गया है ...ये भी नया विज्ञापन है .
माईक्रोमैक्स मोबाइल जिसमे की आपको बहुत सारे कवर मिलेगे जिसका फायदा ये दिखाया गया है की एक लड़की के बहुत ज्यादा ब्वायफ्रैंड है और वो सबसे आपने मोबाइल के कवर को ही बदल कर मिलने जाती है जिससे की वो एक बार पकड़े जाने से बचती है ..
अत: इससे एक बात तो सच है की विज्ञापन कंपनियों ने लडको और लडकियों दोनों की नसों को थाम लिया है की आज के लडके क्या चाहते है और आज कल की लडकियाँ क्या करती है ?
अत:इन विज्ञापनों को देखने के बाद हमको लगा की ये विज्ञापन कम आज कल के युवाओ का चरित्र प्रमाण पत्र ज्यादा लगते है ...?
फिर मैंने सोचा की ऐसे विज्ञापनों पर रोक क्यों लगते की ये सब तो केवल खोखले दावे करते है और होता कुछ नही ...लेकीन फिर मैंने एक दिन बी कॉम की एक किताब पढ़ी जिसमे व्यर्थ समझौता के बारे में लिखा था और बताया था की व्यर्थ समझौता उसे कहते है जैसे कोई मजनू अपनी लैला से कहता है की मै तुम्हारे लिए असमान से तारे तोड़ कर लूँगा और उसे तुम्हारे बालो में सजाऊंगा और लैला इस बात को सुन कर उससे जीवन भर प्यार निभाने का वादा करती है ..लेकिन ये व्यर्थ समझौता है क्यों की इसको न्यायालय द्वारा पूरा नही कराया जा सकता ...
सो ये सब भी शायद व्यर्थ समझौता के अतर्गत ही आते होंगे...
अब चुकी बात मैंने फिल्मो की भी की है तो आज कल एक गाना मार्केट में आया है जो युवाओ को बेफिक्री और उनकी रंगबाजी को दर्शाता है ...जिसमे इसके सारे अवगुणों को बहुत सुंदर तरीके सुरबद्ध किया गया है और ये बताया गया है की आज का यूवा जनता सब कुछ है की लोग उसके कामो से खुश नही है फिर वो सब काम करता है ...
वो गाना है चार बज गये है लेकीन पार्टी अभी बाकि है ...
ये गाना भी किसी चरित्र प्रमाण पत्र से कम नही है ...
जो भी हो अब हमको तो इंतजार उस पल का है जब जीवन बीमा के विज्ञापन में भी ये दिखाया जाये की अगर आप जीवन बीमा कराते है तो इतनी लड़कियां आपके पास हमेशा मडराती रहेगी ..

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