Tuesday, April 12, 2011

हर गली में एक अन्ना की जरूरत है

इस वक़्त हर जगह केवल अन्ना हजारे को ले कर ही बात हो रही है | और क्यों न हो जब देश की जनता ने अन्ना के मागो का बिना किसी शर्त समर्थन जो किया है | मात्र ९७ घंटे में हमारी सरकार को को लग गया की जनता क्या चाहती है ?
लोगो ने आपने इरादे बता दिए की हमको लोकपाल विधयक चाहिए ही चाहिए |
लेकिन एक बात है की जितने लोगो ने समर्थन किया या उसमे से कुछ लोग ही इस मुद्दे को भली भाती जानते थे की इससे क्या हमको फायदा हो सकता है ? बाकि सब लोग तो मीडिया के कैमरे के फ्रेम के बीचो बीच ही आना चाहते थे...
खैर जो भी ये बात तो माननी पड़ेगी जब इस तरह के लोगो के साथ अन्ना ने सरकार को ९७ घंटे में हिला कर रख दिया लेकिन जब लोग ऐसे मुद्दे को लेकर जागरूक हो जाये तो हमारी सरकार को हिलने में ज्यादा वक़्त नही लगेगा ...
जो भी बिल भी बन गया गया है अब देखना ये है की इसका उपयोग कैसे होता है?
क्यों की अभी जो इसके वजह से हालत बनते हमको दिख रहे है उससे हमको पता चल रहा है की इस लोक पल बिल के जरिये भी बहुत राजनीती होने वाली है | और अभी कई दिनों तक समाचार पत्रों में इसका मुख्य स्थान रहेगा और आम आदमी जो दिन भर दाल रोटी की जुगाड़ में प्रेषण रहता है एक दिन उब कर के इसके बारे में पढना ही छोड़ देगा की इस बिल का क्या हुआ ?
और यह बिल केवल समान्य ज्ञान का एक मुद्दा बन कर रह जायेगा...
मेरे कहने का मतलब यह है की इस मुद्दे पर कम से कम सरकार को राजनीती नही करनी चाहिए क्यों की जो ९७ घंटे हमारी देश की जनता ने अपना योगदान दिया है चाहे वो फोटो खीचने को ही ले कर भले हो ...वो किसी एक पार्टी की जनता नही थी वो थी देश की आम जनता जो की अपना पैसा बचाना चाहती है जो की इन देश के फर्जी कर्णधारो के पास जमा हो जाती है...
मै इस नेताओ की इस राजनीती की गंदी आदत का जिक्र इन बातो से करना मुनासिब समझता हु....
"ये सियासत की तवायफ का दुपट्टा है यारो जो किसी की आंसुओ से तर नही होते... "
और साथ ही साथ देश की जनता जो की अन्ना के साथ अपना भी योगदान दिया को भी एक नसीहत देना चाहूँगा की की केवल इस बिल बर से ही भ्रषटाचार समाप्त नही होगा | क्यों की आम आदमी की मुसीबत ही असली लड़ाई है हम लोगो को थाने में बंद मोटरसाईकिल के टायर चोरी से लेकर टू जी स्पेक्ट्रम तक की आवाज सरकार तक पहुचानी है ...
तब ही जा कर आम लोगो की इस लड़ाई का कोई मतलब निकलकर सामने आएगा ...
हमारे कहने का मतलब ये है की हमको हर गली में एक एक अन्ना तैयार करना होगा जिससे की चोर और चोर पुलिस दोनों को मिला देने पर भी ये आम जनता के एक अन्ना से डरते फिरे और सबको अपना हक अपने हिसाब से मिलता रहे ..