मैंने कुछ दिवस पूर्व एक लेख के माध्यम से आप से एक सवाल पूछा था की भावनाओ का इस्तेमाल कैसे किया जाये....?
उस लेख पर हमे लोगो की प्रतिक्रियाएँ भी प्राप्त हुई लोगो ने कहाँ की आप तो भावना के पीछे ही पड़ गये है...
उसके बाद मेरे मन में एक बात आई की हम उस लेख में हर गलत कार्य का जिम्मेदार भावनाओ को ही बताया था लेकिन एक बात और है जो हमको इन गलत कार्यो के बारे में भावनाओ को जिम्मेदार बताते वक़्त ध्यान देनी चाहिए थी...जिसके कारण भी समाज में हर गलत कार्य घपले, घोटाले होते रहते है....
वो तथ्य है व्यक्ति की प्रतिभा ...
क्यों की अगर हमारे पास प्रतिभा नही होगी तो हम कोई एषा कार्य नही कर सकते जो हमे प्रभावित करे ...
एक मजदूर भला क्या घोटाला कर पायेगा.... ?
अर्थात इस बार मैंने भावना के साथ साथ प्रतिभा को भी कटघरे में खड़ा किया है...
क्यों की प्रतिभा ही ऐसी चीज होती है जो किसी को भी बुरा भला नही समझती है....
अगर आप में छमता है और आप लाख बुरे है है तो आप कोई भी काम सिख सकते है ....
प्रतिभा का किसी से कोई बैर नही होता है वो जिसके पास होती है उसके पास हमेशा के लिए हो जाती है अब उस व्यक्ति के उपर है की वो उसका इस्स्तेमल कैसे करता है...
राम जी भी विद्वान थे और रावण भी विद्वान था....दोनों तब तक याद किया जायेगा जब तक हम लोग जिंदा रहेंगे...
बस अंतर इतना रहेगा की जब राम जी की बात होगी तो हम लोग कहेंगे की राम जी बहुत विद्वान थे...और जब रावण की बारी आयेगी तो हम लोग कहेंगे की रावण भी विद्वान था...
मतलब की अंतर केवल थे और था में ही रहेगा ....
और आप सब जानते है की थे और था में कितना अंतर होता है...
वैसे जब किसी की प्रतिभा की बात होती है तो अक्सर कहा जाता है की अमुक व्यक्ति बचपन से ही प्रतिभावान है...
अर्थार्त हमे उसके टैलेंट के बारे में पता होता है हम लोगो से गलती यही होती है की हम लोग उसके टैलेंट को सही दिशा की तरफ नही मोड़ पाते है और वो टैलेंट एक दिन देश को शर्मसार कर देता है...
खैर चलिए हम लोग अब सब्जेक्ट पर आते है...
वैसे तो हमारे आस पास कितने ही काम होते है जो अच्छे के लिए होता है और वो होते होते गलत हो जाता है...या फिर उसको सुरु से गलत किया जाता है ..
लेकिन अगर हम कुछ बड़े घोटाले की तरफ नज़र डाले तो जैसे की कॉमन वेल्थ घोटाला , हर्षद मेहता का शेएर मार्केट का घोटाला,चारा घोटाला ,अब्दुल करीम तेलगी का स्टाम्प घोटाला,...इत्त्यादी
इन सबको करने वाले कोई और नही बल्कि हमारे देश के जाने माने लोग है इन लोगो के पास वो प्रतिभा थी जिसको अगर सही दिशा में लगाया गया होता तो अंजाम शायद कुछ और होता ....
अब्दुल करीम तेलगी जिसने ४००० करोड़ रुपया का घोटाला किया था वो भी कोई अनपढ़ व्यक्ति नही था उसने भी इंग्लिश आनर्स से स्नातक पूरा किया था ...
और कामनवेल्थ,हर्षद मेहता और लालू प्रसाद के बारे में तो आप लोग जानते ही होंगे...
अगर इन लोगो की प्रतिभा को सही दिशा में ले जाया गया होता तो इन लोगो भी इनके अच्छे कार्यो के कारण याद किया जाता...
और था की जगह थे लगा होता ...........
कही न कही इन लोगो ने अपनी प्रतिभा के साथ उचित भावनाओ का तालमेल नही बैठाया ..
सो हम लोगो को अपने अस पास के लोगो के प्रतिभाओ को ध्यान में रखना होगा और प्रयास करना होगा की उनकी प्रतिभा को देश की सच्ची भावना में विलीन कर दिया जाये...
बहुत बढ़िया भावना और प्रतिभा का अद्भुत समागम पर अभी भी आपको शब्दों का उचित इस्तेमाल सीखना लिखने के साथ साथ पढते भी रहें
ReplyDeleteबहुत अच्छा....भावना और प्रतिभा का तालमेल समझ आ गया है...उम्मीद है अगले लेख में खुशी भी आ जायेगी...जल्द ही...
ReplyDeletekhushi to ayegi hi.......
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