Thursday, September 11, 2014

जो साला लव है वो शुरू से ही जेहादी रहा है

अबे वीकली ऑफ़ के दिन मूड  ऑफ़ न करो
जा कर पहीले सोशल इंजीनियरिग को समझो तभी कहते है की अभी मानसिक रूप से अवयस्क हो तो हठीया जाते हो की अब हम बड़ा हो गया हूँ
सुनो
ये जो साला लव है वो शुरू से ही जेहादी रहा है ये झारखण्ड और जबलपुर से  ही नही शुरू हुआ है
साला बच्चें  कितने हिम्मत से उनके खिलाफ होते है जिन्होंने उनको ऐट लिस्ट अठारह साल तक पाला पोशा
लड़कें  बेचारे प्रेमिका का नाम  मोबाइल में रितेश लिख कर सेव करते है और घर परिवार समाज के डर से लड़की रीता का नाम लिख देती है प्रेमी की नाम की जगह
की बाप इंस्पेक्टर गोपी चन्द्र भी बन जाये तो भी न पकड़ पाए...और जब पकड़े जाते हैं और तो ये टीवीबाज़ टाइप के दो कौड़ी के लोंग  खाप पंचायत कर के लड़के लड़की दोनों को बेज्जत करते है … अबे अगर ये रोकना है तो बच्चों तो इतनी छूट तो दो की अगर प्रेम है तो घर वालों से बता सके ये बेचारे ।
अबे लव स्टोरी पर बनी फिल्म को अपनी पाकिट फूंक १०० करोड़ कमवा देते तो लेकिन लव को समझ जाओ तो कम से कम घर की खुशियां फुकने से बच जाएँ
इसलिए बात को समझो और लोगों को भी समझाओ, हमेशा की अपनी दिमागी डिक्टेटरशिप से ये मत समझना की दो मिनट के आये और ज्ञान दे कर चले गए …ज्ञान है ही नही मेरे पास 

No comments:

Post a Comment