नमस्कार मित्रो......
आज का सब्जेक्ट आप सब लोगो के लिए है...
एक बात तो मै दावे के साथ सकता हु की आप लोग खुश नही होंगे ...खुश होने का मतलब की कोई न कोई परेशानी हम सबको है . लेकिन ऐसा क्यों है?
जब की हम लोगो के पास दुनिया की हर ख़ुशी पाने का एक रास्ता है jrur है....
लेकिन फिर भी हम खुश नही है...
इस निष्कर्ष पर पहुचने की बहुत दिलचस्प कहानी है ...
हुआ यू की मै अभी थोड़ी देर पहले टी . वी. देख रहा था और टी.वी. पर न्यूज देख रहा था तभी बीच में ब्रेक आ गया..
अब तो यही भी समझ में नही आता की न्यूज में ब्रेक आता है की ब्रेक में न्यूज....?
हमको लगता है की ब्रेक में ही न्यूज दिखाते है तभी तो ब्रेकिंग न्यूज कहते है......
हम मुद्दे पर आते है....
हम खुद की ख़ुशी की बात कर रहे थे न....
हमने जो विज्ञापन देखा उन सबको देख कर हमको ये लगा की अगर किसी के पास टी. वी है और टी. वी का रिमोट है तो सारी खुशिया उसके पास है ...
जरा सोचिये की किसी को खुश होने के लिए क्या चाहिए ?
उसको चाहिए की उसकी हर तरफ लोग झूमे, गाए, नाचे और हर तरफ धूम मची हो मस्ती की ...तो कितनी आसान है ये हमारी ख़ुशी...टाटा स्काई लगा डाला तो लाइफ जिनगा लाला ...
मतलब की जीवन का हर काम ख़ुशी खुशी होगा. लेकिन फिर भी आपको खुशियों की चाभी नही मिली तो निराश मत होईये इसका भी उपाय है हमारी टी.वी में...
टाटा नैनो खुशीयो की चाभी...उसके बावजूद भी अगर आप चाभी से संतुस्ट नही है दुनिया को jitne का मन है तो आप ऐसा भी कर सकते है...
घबराइए मत आपको इसके लिए कोई यौद्धा नही बनना होगा... बस एक काम...मुह में रजनी गंधा और कदमो में दुनिया ...
दुनिया कदमो में है में लेकिन फिर भी दिल को सुकून है इसका भी रास्ता है...रिलायंस अपनाईये...मतलब कर लो दुनिया मुट्ठी में ..
इसका मतलब की आप आजाद हो गये...अगर नही हुए तो कोई बात नही...रिलायंस छोडिये एयर टेल लाईये क्यों ऐसी आजादी और कहाँ...?
इतनी सारी खुशियों के बाद हमको नही लगता की कुछ छुट भी गया होगा....
अगर छुट गया होगा तो वो कसर हेयर एंड केयर से ले कर फेयर एंड लवली पूरा कर देंगे....
जीते जी अगर खुशियों से मन नही भरा तो आपके पास अभी और विकल्प भी है...
यह विकल्प तो आज कल dual सिम के मोबाइल से भी ज्यादा कारगर है....
वो है एल आई सी मतलब की जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी...
ये तो बात हुई निजी कंपनियों के विज्ञापन की अब तो ये निजी कंपनियों के विज्ञापन सरकारी विज्ञापन को भी ठेंगा दिखा रहे है...
मलतब की इनका कांफिडेंस इतना हो गया है की एक विज्ञापन ने तो परिवार नियोजन तक अपने उत्त्पाद से जोड़ दिया...
अभी हल ही में एक विज्ञापन आना शुरू हुआ की इंडिया की पापुलेशन कंट्रोल में रहेगी क्यों अब इण्डिया इस बीजी ऑन आईडिया थ्री जी...
हाला की अभिषेक बच्चन ने बताया की उसका बेबी बेफोरे थ्री जी है...
तभी तो उनके बेबी पर करोरो का सट्टा भी से लग चूका है...
है न मजेदार बात की जिसको ढूंढा गली गली वो तो हमारे टी.वी में मिली....
यह सब सोच कर मै खुश हो ही रहा था की एक विज्ञापन आया और मै कल्पना के उडान बरने के बाद बहुत तेजी से वास्तविकता की धरातल पर लैंड कर गया ...
वो विज्ञापन था एक cream की कम्पनी का....
नाम था गार्नियर... उस विज्ञापन के अंत में एक हिरोइन ने बहुत मासूमियत से kha की अपना ख्याल रखना....
मतलब की हमको फ्री में ख़ुशी कोई नही दे सकता..
आम आदमी को खुद ही अपनी life को झिंगालाला बनाना पड़ता है....
चाहे उन सबने लक्स की बनियान ही क्यों न पहनी हो...क्यों लक्स कहता है की अपना लक पहन कर चलो ...
हमे सब कुछ खुद की करना होता है क्यों की खुशीयो की होम डिलेवरी कही नही होती ... बस डोमिनोस पिज्जा को छोड़ कर...
वह मित्र बहुत ही कसीला रशीला और चुटीला है....बधाई हो अगले लेख कि प्रतीक्षा में ...
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